गया.

बिहार के बोधगया में गुरुवार को ढुंगेश्वरी पहाड़ी की तलहटी से विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक ज्ञान यात्रा शुरू हुई। पदयात्रा में देश-विदेश के बौद्ध धर्म गुरु और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह यात्रा भगवान बुद्ध के पद चिह्नों पर चलने और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल निकाली जाती है।

मालूम हो कि करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व राजकुमार सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्ति की खोज के लिए में ढुंगेश्वरी पहाड़ी पर छह साल तक तपस्या की थी। तपस्या करने के बाद भगवान बुद्ध बोधगया पहुंचे। जहां उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। यह पद यात्रा को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ बोधगया के स्थानीय लोग भी इसमें हिस्सा लिया। बता दें कि करीब सुबह सात बजे ढूंगेश्वरी पहाड़ी से नौ किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए बौद्ध श्रद्धालु सुजाता स्तूप पहुंचे। वहां श्रद्धालुओं को खीर खिलाया गया। 31 जनवरी से तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव समारोह आयोजित की जाएगी। महोत्सव का उद्घाटन गया जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे।

विदेशी और वॉलीवुड कलाकारों की होगी प्रस्तुति
31 जनवरी की शाम बोधगया के कालचक्र मैदान में तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन होगा। सर्वप्रथम बौद्ध भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथियों का संबोधन, बिहार गौरव गान, विदेशी कलाकारों और वॉलीवुड के पार्श्व गायक अंकित तिवारी की प्रस्तुति होगी।
दूसरे दिन शनिवार को कालचक्र मैदान के मंच पर स्थानीय व बिहार के कलाकारों की प्रस्तुति होगी। तीसरे दिन यानि दो फरवरी को बौद्ध महोत्सव का समापन होगा। समापन के दिन रविवार की शाम वॉलीवुड के प्रसिद्ध पार्श्व गायक अभिजीत की धमाकेदार गायकी का आनंद लोग उठाएंगे।

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