मैहर

चैत्र नवरात्रि मेला (Chaitra Navratri Mela) के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए पश्चिम मध्य रेल से गुजरने वाली 15 जोड़ी रेलगाड़ियों का मैहर स्टेशन (Maihar Railway Station) पर दिनांक 30 .03.2025 से 12.04.2025 तक 5 मिनट का अस्थाई हाल्ट प्रदान किया गया है. ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान शिव सती के शरीर को ले जा रहे थे, तब उनका हार इस स्थान पर गिरा और इसलिए इसका नाम “मैहर” पड़ा. मैहर के स्थानीय लोगों के अनुसार, आल्हा और उदल शारदा देवी के बहुत बड़े अनुयायी थे. ऐसा कहा जाता है कि वे इस सुदूर जंगल में देवी के दर्शन करने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने माँ देवी को “शारदा माई” के नाम से पुकारा और तब से वे “माता शारदा माई” के रूप में लोकप्रिय हो गईं. मैहर का इतिहास पुरापाषाण काल ​​से जुड़ा है.

    मैहर जिले में त्रिकूट पर्वत पर स्थित है, माँ शारदा का पावन मंदिर। दर्शन हेतु श्रद्धालु 1063 सीढ़ियाँ भी आसानी से चढ़ जाते हैं। माँ शारदा का भव्य और दिव्य मंदिर, 51 शक्तिपीठों में से एक है, जिसकी बहुत मान्यता है।

इन ट्रेनों का रहेगा हाल्ट

यात्री रेलवे द्वारा अधिकृत रेलवे पूछताछ सेवा एनटीईएस/139 रेल मदद से भी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है.

ग्वालियर: तीन ट्रेनों के रूट में हुआ परिवर्तन

इस बीच, ग्वालियर से खबर है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झांसी- मानिकपुर रेलखंड पर बेलाताल व कुलपहाड़ स्टेशन के बीच में नान इंटरलाकिंग तथा कट कनेक्शन का काम किया जाएगा। ऐसे में ग्वालियर से गुजरने वाली दो ट्रेनाें- उदयपुर खजुराहो और मथुरा से हावड़ा तक चलने वाली चंबल व ग्वालियर से हावड़ा तक चलने वाली चंबल एक्सप्रेस के रूट में 30 और 31 मार्च को बदलाव किया गया है।

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