बीकानेर.

देशनोक पुलिस द्वारा एक नाबालिग को दस्तयाब कर वापस लाने के दौरान गंभीर आरोप सामने आए हैं। दरअसल थाने में दर्ज पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में दस्तयाब नाबालिग को पुलिसकर्मियों द्वारा प्रताड़ित करने और उसे भगाने वाले युवक पर पुलिस की मौजूदगी में दुष्कर्म किए जाने के आरोप नाबालिग के परिजनों ने लगाए हैं। सीएमओ तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा है।

दरअसल इसी महीने देशनोक थाने में एक युवक द्वारा नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला दर्ज हुआ था, जिसकी जांच हवलदार गोपालदास को दी गई थी। युवक के यूपी के अयोध्या में होने की सूचना मिलने पर हवलदार गोपालदास, सिपाही सचिन और महिला कांस्टेबल सुमन आरोपी युवक और नाबालिग को दस्तयाब कर अयोध्या से ट्रेन के जरिए बीकानेर ला रहे थे। यह ट्रेन नोखा के बाद सीधे बीकानेर रुकती है। इस कारण ये लोग नोखा में उतरकर एक होटल में रुक गए। यहां से 18 अक्टूबर को पुलिस ने नाबालिग को नारी निकेतन भिजवा दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस प्रक्रिया में कथित तौर पर मनमानी की और कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया। परिजनों के मुताबिक नाबालिग को बिना समुचित वारंट या कानूनी नोटिस के जबरदस्ती ले जाया गया, जिससे परिवारजन में आक्रोश व्याप्त है। घटना के बाद स्थानीय लोग भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। फिलहाल पुलिस परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है।

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